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Rajasthan Rainfall Damage Reason 15 साल में पहली बार ऐसी तबाही, 20 की मौत:5 हजार मकान टूटे; 80KM स्पीड की हवा, कपड़ों की तरह उड़े टावर-टीन शेड

Rajasthan Rainfall Damage Reason 15 राजस्थान में पिछले तीन से जारी आंधी-बारिश और बवंडर का कहर जारी है। पिछले 15 साल में पहली बार किसी तूफान ने तबाही मचाई है, जब इन दो से तीन दिनों में 20 लोगों की मौत हो गई। करीब 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चली हवा से 5 हजार से ज्यादा कच्चे-पक्के मकान धराशायी हो गए। हजारों मवेशी आकाशीय बिजली की चपेट में आकर मर गए।

भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर जैसलमेर में पहली बार इतने ओले गिरे कि बर्फ की चादर बिछ गई। हटाने के लिए BSF जवानों को मशीनों की मदद लेनी पड़ी। वहीं, वागड़ क्षेत्र के डूंगरपुर में 24 घंटे के भीतर दो बार आए तेज तूफान से इतने पेड़ टूटे कि 100 गावों का संपर्क टूट गया।

इस तूफान का असर प्रदेश के 10 से ज्यादा जिलों में देखा गया। भास्कर ने ग्राउंड से जो आंकड़े जुटाए वो और भी चौंकाने वाले हैं। करीब 1500 से ज्यादा बिजली के पोल टूट गए। सैकड़ों गांवों में बिजली सप्लाई ठप हो गई। श्रीगंगानगर के कई कस्बों में कपास की फसल 90% तक बर्बाद हो गई।

हालांकि, मौसम विभाग के एक्सपट्‌र्स की मानें तो तूफान का खतरा अभी टला नहीं है। राजस्थान के 13 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी है, जहां तेज गर्जना के साथ बारिश और तेज हवा एक बार फिर तबाही मचा सकती है…।

फोटो बगड़ी नगर का है। यहां आंधी की वजह से मालगाड़ी पर लदे खाली कंटेनर तक पलट गए।
फोटो बगड़ी नगर का है। यहां आंधी की वजह से मालगाड़ी पर लदे खाली कंटेनर तक पलट गए।

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पढ़िए, प्रदेशभर में कैसे इस तूफान ने मचाई तबाही और अब आगे और कितना दर्दनाक मंजर देखने को मिल सकता है…

Rajasthan Rainfall Damage Reason 15 सबसे पहले जान लेते हैं किन कारणों से बिगड़ा मौसम

पहला कारण : पाकिस्तान से रास्ता बदला

25 मई से नौतपा एक्टिवेट हो गया था और इसी दिन से एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस भी बना। एक्सपर्ट के अनुसार ये वेस्टर्न डिस्टर्बेंस पाकिस्तान की तरफ से आया। इसे जम्मू कश्मीर व पंजाब से होते हुए आगे बढ़ना था। लेकिन, ये पश्चिमी राजस्थान यानी जैसलमेर की तरफ मुड़ गया। इसी वजह से जैसलमेर समेत, जोधपुर, बाड़मेर, नागौर और आस-पास के इलाकों में इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिला।

दूसरा कारण : बादलों की मोटाई 5 से 7 किलोमीटर थी

दूसरा सबसे बड़ा कारण जैसलमेर की ओर से आया थंडर क्लाउड्स भी है। दावा किया जा रहा है कि समान्य इन बादलों की मोटाई 2 से 3 किलोमीटर के करीब रहती है, लेकिन रविवार को आए इन बादलों की मोटाई 5 से 7 किलोमीटर थी। इधर, साथ में आई हवाओं में नमी थी, ऐसे में ये ज्यादा मोटाई वाले बादल अचानक से बरस पड़े।

जोधपुर के अनोप नगर में सब स्टेशन पत्तों की तरह बिखर गया। यहां बिजली सप्लाई अब तक बाधित है।
जोधपुर के अनोप नगर में सब स्टेशन पत्तों की तरह बिखर गया। यहां बिजली सप्लाई अब तक बाधित है।

अब पढ़ें प्रदेश में कैसे इस आंधी ने तबाही मचाई…

जोधपुर में डिस्कॉम को 3 करोड़ का नुकसान, 10 गांवों का संपर्क टूटा

जोधपुर में बारिश ने पिछले 15 सालों का रिकॉर्ड टूटा। पिछले आंकड़े खंगालें तो मई माह में औसत 17.4mm बारिश रही। 31 मई 1985 को 93mm बरसात रिकॉर्ड की गई उसके बाद कल यानि 28 मई 2023 काे 46.9mm आंकड़ा रहा। वहीं, 21 मई 2017 को 30.4mm बारिश हुई थी।

तूफान व चक्रवात ने जोधपुर शहर में तो तबाही मचाई ही वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी भारी नुकसान हुआ। बाप में तूफान से जोधपुर शहर व आस-पास ग्रामीण क्षेत्रों में 1 हजार से अधिक बिजली के पोल गिर गए। जोधपुर डिस्कॉम की बात की जाए तो यहां करीब 3 करोड़ का नुकसान हुआ है।

जोधपुर ग्रामीण क्षेत्र के खिदरत, करणीनगर, कानसिंह की सीड, भोमजी का गांव, आजाद नगर, जांभा, कलराबा में तूफानी हवाओं से 12 से ज्यादा कच्चे घर बिखर गए। जोधपुर उदयमंदिर आसन में घरों पर लगे टीन शेड उड़ कर सड़कों पर आ गए।

  • बालेसर में सोमवार को 42 एमएम बारिश दर्ज की गई। इस दौरान पेड़ टूटने और पानी भरने के कारण 10 से 12 गांवों का संपर्क आपस में टूट गया।
  • जोधपुर ग्रामीण के बाप थाना क्षेत्र में खिदरत इलाके में आसमानी बिजली गिरने से 100 से अधिक भेड़ों की मौत हो गई।
जैसलमेर के फोर्ट रोड पर बारिश के दौरान सड़कों पर पानी जमा हो गया। यहां सोमवार सुबह भी हल्की बूंदाबांदी का दौर चलता रहा।
जैसलमेर के फोर्ट रोड पर बारिश के दौरान सड़कों पर पानी जमा हो गया। यहां सोमवार सुबह भी हल्की बूंदाबांदी का दौर चलता रहा।

Rajasthan Rainfall Damage Reason 15 जैसलमेर में तूफानी बारिश में उखड़े 400 पोल, दादा-पोते की मौत

जैसलमेर में बारिश का दौर रविवार रात को भी जारी रहा। मौसम विभाग के अनुसार जैसलमेर में 22.1 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। लाठी इलाके में बिजली गिरने से 4 गायों की भी मौत हो गई। एका गांव में एक ट्यूबवेल पर बिजली गिरने से 11 बकरियों की मौत हो गई।

डिस्कॉम एसई जीवना राम गर्ग ने बताया कि तूफान से बिजली विभाग को काफी नुकसान पहुंचा है। हवा से 400 के करीब बिजली के पोल उखड़ गए। ऐसे में जैसलमेर के 10 से ज्यादा गांवों में करीब 2 से 3 दिन तक बिजली सप्लाई बंद रहेगी।

इधर, रामदेवरा में रविवार को अचानक से हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि के कारण बकरी चरा रहे दादा-पोते की दर्दनाक मौत हो गई। रामदेवरा की भील बस्ती निवासी कानाराम (55) पुत्र भाखरराम और उसका पोता विक्रम (12) पुत्र देवाराम रविवार को दिन में बकरी चराने मावा गांव की तरफ गए थे। इसी दौरान बिजली गिरी और मौत हो गई।

नागौर : हवा में झूलने लगा 15 साल पुराना टावर

नागौर से रविवार को एक वीडियो सामने आया था, जहां आंधी से एक मोबाइल टावर धराशायी हो गया। टीम शहर के खत्रीपुरा इलाके में पहुंची। यहां 15 घंटे बाद भी टावर इसी स्थिति में था। यहां मकान मालिक रामानंद जोशी से बातचीत की।

मकान मालिक ने बताया कि पिछले 15 साल से बिना मेंटेनेंस ये टावर काम कर रहा था। रविवार को मौसम बदलने के बाद मैं परिवार के साथ छत पर था। ये हमारे घर के पास बने बाड़े में लगा है।

जैसे ही आंधी की स्पीड बढ़ी अचानक से टावर हवा में झूलने लगा। घरवालों ने बताया कि टावर हवा में झूल रहा है। लेकिन, विश्वास नहीं हुआ। हवा के साथ जैसे-जैसे टावर नीचे आने लगा हम डर गए और जैसे ही छत के गेट की तरफ भागे अचानक ये टावर गिर गया। छत की दीवार, रेलिंग सब कुछ टूट चुका है। घरों में भी दरारें आ गई हैं।

नागौर में रविवार को अंधड़ की वजह से मोबाइल टावर गिर गया था। देर शाम तक सुध लेने कोई नहीं आया। जिस घर पर गिरा वहां दरारें आ गईं।
नागौर में रविवार को अंधड़ की वजह से मोबाइल टावर गिर गया था। देर शाम तक सुध लेने कोई नहीं आया। जिस घर पर गिरा वहां दरारें आ गईं।

वहीं आंधी की वजह से रविवार को डेह से मांगलोद जा रही एक बोलेरो कैंपर पलट गई। जिससे कैंपर सवार 23 साल के सवाई सिंह की मौत हो गई। जबकि रामसिंह, सुरेंद्र और विकास घायल हो गए।

भारत-पाक बॉर्डर पर बर्फ की चादर, जेसीबी से हटाए गए ओले

जैसलमेर से लगती भारत-पाकिस्तान सरहद पर रेगिस्तान की रेत सफेद बर्फ से भर गई। चारों तरफ बर्फ ही बर्फ नजर आई। सरहद की तारबंदी के पास हुई ओलावृष्टि से तारबंदी के दोनों तरफ कई किमी एरिया तक बर्फ ही बर्फ नजर आई। सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने जेसीबी की मदद से ओलों को हटाने का काम किया।

इस बार अंधड़ की जैसलमेर से राजस्थान में एंट्री हुई है ऐसे में सबसे ज्यादा असर भी इसी एरिया में दिखा।
इस बार अंधड़ की जैसलमेर से राजस्थान में एंट्री हुई है ऐसे में सबसे ज्यादा असर भी इसी एरिया में दिखा।

सिरोही : टीन शेड से कटा किसान का गला

सिरोही में रविवार देर शाम को आए अंधड़ एक टीन शेड हवा में उड़ गया। जो अपने खेत में खड़े किसान रोहुआ निवासी आशु राम (45) पुत्र समरथा राम भील की गर्दन पर जा लगा। इससे किसान की गर्दन कट गई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

तेज अंधड़ के कारण सिरोही जिला कारागार के सामने और एसपी के बंगले में बड़े पेड़ गिर गए, जिससे दीवार क्षतिग्रस्त हो गई। करेली में एक खेत में लगा सोलर प्लांट उड़ा, जबकि पीथापुरा में आम के 300 पेड़ गिर गए।

उदयपुरवाटी के बाजार में बारिश की वजह से सड़कों पर जमा हुआ पानी।
उदयपुरवाटी के बाजार में बारिश की वजह से सड़कों पर जमा हुआ पानी।

झुंझुनूं : उदयपुरवाटी में टीन शेड गिरने से युवक की मौत

झुंझुनूं के उदयपुरवाटी उपखंड क्षेत्र के छाबड़ियों की ढाणी में शनिवार सुबह आंधी तूफान के दौरान टीन शेड गिरने से एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई थी।

शहर सहित इलाके में हुई बारिश से बिजली के 50 से अधिक पोल टूट गए। वहीं झुंझुनूं-जयपुर स्टेट हाइवे पानी से लबालब भर गया था। सोमवार सुबह 10 बजे तक 30 एमएम बरसात रिकार्ड की गई।

नोखा में 10 लाख की लागत से बना ये पक्षी घर बिखर गया। श्याम दीवाना कीर्तन मंडल के अध्यक्ष जयकिशन बागड़ी ने बताया कि शांतिवन में पक्षी घर का निर्माण भामाशाहों के सहयोग से किया गया था। इसमें 2 हजार पक्षियों के रहने की व्यवस्था थी।
नोखा में 10 लाख की लागत से बना ये पक्षी घर बिखर गया। श्याम दीवाना कीर्तन मंडल के अध्यक्ष जयकिशन बागड़ी ने बताया कि शांतिवन में पक्षी घर का निर्माण भामाशाहों के सहयोग से किया गया था। इसमें 2 हजार पक्षियों के रहने की व्यवस्था थी।

बीकानेर: नोखा में हवा से गिरा 10 मंजिला पक्षी घर

बीकानेर जिले में कुल 72.8 एमएम बारिश हुई है। लेकिन, इन 4 दिनों में 2 बार तूफान कहर बरपा चुका है। रविवार को दोपहर 2 से 5 बजे तक तीन घंटे बारिश का दौर चला। यहां नोखा में एक 10 लाख की लागत से बना 10 मंजिला पक्षी घर कुछ ही सेकेंड में धराशायी हो गया। नोखा के ही घटटू गांव सहित कई ऐसे गांव है जहां पिछले 4-5 दिनों से बिजली नहीं है।

इसके अलावा बीकानेर रोड़, नागौर रोड़, पांचू, रोड़ा, मान्याणा, कुदसू सहित दर्जनों गांवों में तूफान से भारी नुकसान हुआ है। यहां खेतों लगे सोलर पैनल तक उड़ गए है। बारिश की वजह से नोखा के ही रेलवे ट्रैक पर एक पेड़ गिर गया। इस दौरान बाड़मेर से हरिद्वार जाने वाली ऋषिकेश एक्सप्रेस करीब 15 मिनट तक खड़ी रही।

बाड़मेर: राहगीरों के बीच, रास्ते में गिरा मोबाइल टावर

रेगिस्तानी बाड़मेर में रविवार शाम को अचानक मौसम बदल गया और तेज तूफानी हवा का दौर शुरू हो गया था। तेज हवा से पादरू इलाके में टीनशेड़ तक कपड़ों की तरह उड़ने लग गए थे। जबकि आड़ेल गांव में अचानक हवा से बीएसएनएल का मोबाइल टावर राहगीरों के बीच जा गिरा। गनमीत रही कि इस दौरान किसी को नुकसान नहीं हुआ। रातभर से रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है।

सोमवार को सुबह से आसमान में बादल छाए हुए है। जिले के बायतु, चवा, सिणधरी, सांजटा, बालोतरा, गुड़ामालानी होते हुए जालोर तक पहुंच गई। कहीं तेज हवा के साथ मूसलाधार बारिश तो कहीं ओलावृष्टि से खेतों में सफेद चादर छा गई। बायतु भीमजी, चवा, रावतसर, सांजटा, गुड़ामालानी इलाके में कई जगह ओलावृष्टि हुई है।

फोटो बाड़मेर की मंडी का है। तेज आंधी में ये टीन शेड चंद सेकेंड में ही उखड़ सड़क पर आ गया।
फोटो बाड़मेर की मंडी का है। तेज आंधी में ये टीन शेड चंद सेकेंड में ही उखड़ सड़क पर आ गया।

डूंगरपुर: एक दिन में 2 बार तबाही, 100 गांव अंधेरे में रहे

डूंगरपुर में रविवार दोपहर ढाई बजे बाद बारिश और तूफान 5 घंटे शांत रहने के बाद रात 10 बजे फिर तूफान आया। रात को बारिश के साथ ही तेज हवाएं चली। हवाओं की डूंगरपुर शहर समेत गांवो में 100 से ज्यादा पोल गिर गए और 15 से ज्यादा ट्रांसफार्मर गिर गए। डूंगरपुर शहर समेत 100 गांवों में 18 घंटों से बिजली गुल है। हालांकि, पुराने शहर में आज सुबह 9 बजे बाद बिजली आई।

श्रीगंगानगर में 90 प्रतिशत कपास की फसलों का खराबा

श्रीगंगानगर में भी बारिश ने कहर बरपाया है। तेज अंधड़ के कारण क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ है। अनूपगढ़-घड़साना क्षेत्र में इसका असर सबसे ज्यादा देखने को मिला है। खेतों में नरमे व कपास की फसल 90% तक खराब हो चुकी है। जिसका प्रशासन के द्वारा सर्वे किया जा रहा है। यहां बारिश की वजह से 8 से 10 घंटे तक बिजली सप्लाई बंद रही।

टोंक में पिछले दिनों हुई बारिश के बाद लोगों के मकान तक ढह गए। सबसे ज्यादा घरों को नुकसान इसी जिले में हुआ है।
टोंक में पिछले दिनों हुई बारिश के बाद लोगों के मकान तक ढह गए। सबसे ज्यादा घरों को नुकसान इसी जिले में हुआ है।

टोंक में 12 मौत, सवा 3 हजार घर ढह गए

इस बार की आंधी-बारिश ने सबसे ज्यादा नुकसान टाेंक और इसके आस-पास इलाकों में हुआ है। पांच दिन तक व मौसम से हुई बारिश, अंधड़ और आकाशीय बिजली गिरने से 12 जनों की मौत हो गई। वहीं, 59 जने घायल हो गए। इस तबाही में करीब तीन हजार 290 कच्चे -पक्के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। जिले भर में 40.91 एमएम बारिश हुई है।

ADM शिवचरण मीणा ने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा से 12 जनों की मौत हुई है। 946 पक्के मकान व 2344 कच्चे घर क्षतिग्रस्त हुए है। पक्के मकानों में सबसे ज्यादा नुकसान टोड़ा रायसिंह में 499 मकानों को हुआ है। वहीं कच्चे घरों को सबसे ज्यादा नुकसान पीपलू क्षेत्र में 1893 घरों को हुआ है।

टोंक के ही निवाई क्षेत्र में अधड के बाद गांव कमाल की ढाणी ललवाड़ी मैं एक मकान की दीवार गिरने से 13 साल के मोहिद पुत्र वाहिद खान का मकान गिरने से बच्चे की मौत हो गई थी। जबकि मुफिदा बानो पत्नी वाहिद खान के सिर पर गंभीर चोट आई है।

इसी तरह गांव लोदेडा में टीन शेड गिरने से 65 वर्षीय सुवालाल पुत्र रामू गुर्जर की मृत्यु हो गई। वहीं प्रतापपुरा निवासी बलाराम पुत्र भूरा लाल मीणा उम्र 60 वर्ष की कच्ची दीवार देने से मृत्यु हो गई। जानकारी के अनुसार लगभग 5 गांव में दीवार टूट चुकी है।

अब आगे क्या होगा?

मई में एक्टिव होगा सातवां पश्चिम विक्षोभ

पिछले तीन महीने से लगातार हर महीने 6 पश्चिम विक्षोभ एक्टिव हो रहे हैं। इन्ही कारणों से लगातार बारिश का दौर देखने को मिल रहा है। मई महीने में छठे पश्चिमी विक्षोभ के कारण आंधी-तूफान और बारिश ने कहर बरपा दिया। अब सातवां विक्षोभ 30 मई से एक्टिव होगा। यानी अभी आंधी-बारिश का दौर थमने वाला नहीं है।

जोधपुर-बीकानेर में फिर चल सकती हैं 70 की रफ्तार से हवाएं

मौसम विभाग की मानें तो अगले 2 से 3 दिन तक जोधपुर और बीकानेर संभाग में 30 से 70 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तूफानी हवाएं चल सकती हैं। साथ ही बारिश के भी आसार हैं। राजस्थान के मौसम विज्ञान केन्द्र जयपुर ने 30 मई को पांच संभाग उदयपुर, अजमेर, जयपुर, भरतपुर व कोटा में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

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राजस्थान के कई हिस्सों में कल हुई तूफानी बारिश के बाद भास्कर की सलाह है कि जब तक बहुत जरूरी न हो, आज बाहर जाने से बचें। आप घर पर ही रहें… क्योंकि खराब मौसम आज ज्यादा खतरनाक हो सकता है।

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